1. उत्तर प्रदेश में स्थित इलाहाबाद उच्च न्यायालय एशिया का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है।
2. उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक लोक सभा व राज्य सभा के सदस्य चुने जाते हैं।
3. उत्तर प्रदेश को वर्तमान में मुख्यत: तीन प्राकृतिक प्रदेशों में विभाजित किया गया है– (i) भाबर एवं तराई का प्रदेश, (ii) गंगा-यमुना का मैदान एवं (iii) दक्षिण का पठारी प्रदेश।
4. उत्तर प्रदेश में मुख्यत: तीन ऋतुएं-(i) शीत ऋतु, (ii) ग्रीष्म ऋतु और (iii) वर्षा ऋतु होती हैं।
5. उत्तर प्रदेश में शीत ऋतु अक्टूबर से फरवरी और ग्रीष्म ऋतु मार्च से मध्य जून तक रहती है।
6. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा जुलाई एवं अगस्त महीनों में होती है।
7. उत्तर प्रदेश की अधिकांश मानसूनी वर्षा बंगाल की खाड़ी की मानसून शाखा से प्राप्त होती है इससे प्रदेश की कुल वर्षा का लगभग 75%-80% भाग प्राप्त होता है।
8. उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर (औसम 184.7 सेमी) में तथा सबसे कम वर्षा मथुरा (औसम 54.4 सेमी) में होती है।
9. राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। जिसमें चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, जौ और गन्ना राज्य की मुख्य फ़सलें हैं।
10. उत्तर प्रदेश में दोमट एवं बलुई मिट्टी को क्षेत्रीय भाषा में सिक्टा, करियाल एवं धनका भी कहते हैं।
2. उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक लोक सभा व राज्य सभा के सदस्य चुने जाते हैं।
3. उत्तर प्रदेश को वर्तमान में मुख्यत: तीन प्राकृतिक प्रदेशों में विभाजित किया गया है– (i) भाबर एवं तराई का प्रदेश, (ii) गंगा-यमुना का मैदान एवं (iii) दक्षिण का पठारी प्रदेश।
4. उत्तर प्रदेश में मुख्यत: तीन ऋतुएं-(i) शीत ऋतु, (ii) ग्रीष्म ऋतु और (iii) वर्षा ऋतु होती हैं।
5. उत्तर प्रदेश में शीत ऋतु अक्टूबर से फरवरी और ग्रीष्म ऋतु मार्च से मध्य जून तक रहती है।
6. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा जुलाई एवं अगस्त महीनों में होती है।
7. उत्तर प्रदेश की अधिकांश मानसूनी वर्षा बंगाल की खाड़ी की मानसून शाखा से प्राप्त होती है इससे प्रदेश की कुल वर्षा का लगभग 75%-80% भाग प्राप्त होता है।
8. उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर (औसम 184.7 सेमी) में तथा सबसे कम वर्षा मथुरा (औसम 54.4 सेमी) में होती है।
9. राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। जिसमें चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, जौ और गन्ना राज्य की मुख्य फ़सलें हैं।
10. उत्तर प्रदेश में दोमट एवं बलुई मिट्टी को क्षेत्रीय भाषा में सिक्टा, करियाल एवं धनका भी कहते हैं।
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